मधुर तेरा अंदाज़
मनहर सुर और नटवर साज़
भागे क्यों मन सुन आवाज़
सुरताल का तू सरताज
मनभाया तेरा अंदाज़ !!
मधुर तेरी मुस्कान
विरहा ये मन पाए सुकून
सुन मधुर बंसी की धुन
किस बगिया से लाया चुन
मन भागे पीछे पुन-पुन !!
मधुर तेरी माया
बारिश की बूँदें रिमझिम
इस तन पर लगे सुर सम
सुन गुहार वंशी वाले
दे दरस छंट जाये तम !!
मधुर तेरी बंसी
सुन नृत्य करे धरा छम-छम
फूल खिले गुलशन -गुलशन
ताल – नदी- झरने-सागर
बात जोहते है क्षण-क्षण !!
मधुर तेरी पूजा
हे बंसीधर बंसी बजैया
पार लगाओ हमारा खेवैया
माया – मोह से हमें उबारो
सुनाकर मोक्षदायिनी धुन !!
1 Aug
Posted by Mukesh Kumar Sinha on August 9, 2013 at 6:37 pm
sundar abhivyakti..
Eid Mubarak….. ईद मुबारक…عید مبارک….
Posted by ब्लॉग - चिठ्ठा on August 9, 2013 at 2:01 pm
आपकी इस प्रस्तुति को शुभारंभ : हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियाँ ( 1 अगस्त से 5 अगस्त, 2013 तक) में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।
कृपया “ब्लॉग – चिठ्ठा” के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग – चिठ्ठा
Posted by kebhari on August 6, 2013 at 4:32 pm
बहुत सुन्दर कविता ।
Posted by आशा जोगळेकर on August 5, 2013 at 10:56 pm
कान्हा तेरी बंसी की बात निराली । सुंदर कविता ।
Posted by shorya Malik on August 5, 2013 at 11:44 am
वाह ,लाजवाब , ढेरो शुभकामनाये ,
Posted by Neeraj Kumar on August 4, 2013 at 9:06 pm
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (05.08.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें .
Posted by दिगम्बर नासवा on August 4, 2013 at 3:04 pm
इस माया की हर बात निराली है … हर बात माया है …
Posted by Ashok Khachar on August 3, 2013 at 9:08 pm
बहुत सुन्दर .
Posted by रश्मि शर्मा on August 3, 2013 at 4:10 pm
सुन्दर रचना…
Posted by expression on August 2, 2013 at 12:21 am
बहुत सुन्दर…मधुर….
अनु
Posted by धीरेन्द्र सिंह भदौरिया on August 1, 2013 at 11:22 pm
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,
RECENT POST: तेरी याद आ गई …
Posted by Mukesh Kumar Sinha on August 1, 2013 at 6:48 pm
सुन्दर… रचना.
Posted by sushma 'आहुति' on August 1, 2013 at 6:42 pm
भावो का सुन्दर समायोजन……
Posted by Anju (Anu) Chaudhary on August 1, 2013 at 6:08 pm
waah bahut khub
Posted by कालीपद प्रसाद on August 1, 2013 at 5:59 pm
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
latest post,नेताजी कहीन है।
latest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
Posted by मदन मोहन सक्सेना on August 1, 2013 at 5:32 pm
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Posted by yashoda agrawal on August 1, 2013 at 4:44 pm
आपने लिखा….हमने पढ़ा….
और लोग भी पढ़ें; …इसलिए शनिवार 03/08/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी…. आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ….
लिंक में आपका स्वागत है ……….धन्यवाद!
Posted by ब्लॉग बुलेटिन on August 1, 2013 at 2:52 pm
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन सही मायने में 'लोकमान्य' थे बाल गंगाधर तिलक – ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
Posted by अनुपमा पाठक on August 1, 2013 at 10:42 am
मधुराष्टकम ध्वनित हो रहा है मन में!