मधुर तेरी बंसी














मधुर तेरा अंदाज़ 
मनहर सुर और नटवर साज़ 
भागे क्यों मन सुन आवाज़ 
सुरताल का तू सरताज 
मनभाया तेरा अंदाज़  !!

मधुर तेरी मुस्कान 
विरहा ये मन पाए सुकून 
सुन मधुर बंसी की धुन 
किस बगिया से लाया चुन 
मन भागे पीछे पुन-पुन  !!

मधुर तेरी माया 
बारिश की बूँदें रिमझिम 
इस तन पर लगे सुर सम 
सुन गुहार वंशी वाले 
दे दरस छंट जाये तम !!

मधुर तेरी बंसी 
सुन नृत्य करे धरा छम-छम 
फूल खिले गुलशन -गुलशन 
ताल – नदी- झरने-सागर 
बात जोहते है क्षण-क्षण !!

मधुर तेरी पूजा 
हे बंसीधर बंसी बजैया 
पार लगाओ हमारा खेवैया 
माया – मोह से हमें उबारो 
सुनाकर मोक्षदायिनी धुन !!

19 responses to this post.

  1. sundar abhivyakti..
    Eid Mubarak….. ईद मुबारक…عید مبارک….

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  2. आपकी इस प्रस्तुति को शुभारंभ : हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियाँ ( 1 अगस्त से 5 अगस्त, 2013 तक) में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।

    कृपया “ब्लॉग – चिठ्ठा” के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग – चिठ्ठा

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  3. बहुत सुन्दर कविता ।

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  4. कान्हा तेरी बंसी की बात निराली । सुंदर कविता ।

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  5. वाह ,लाजवाब , ढेरो शुभकामनाये ,

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  6. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (05.08.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें .

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  7. इस माया की हर बात निराली है … हर बात माया है …

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  8. बहुत सुन्दर .

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  9. सुन्दर रचना…

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  10. बहुत सुन्दर…मधुर….

    अनु

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  11. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,

    RECENT POST: तेरी याद आ गई …

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  12. सुन्दर… रचना.

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  13. भावो का सुन्दर समायोजन……

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  14. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  15. आपने लिखा….हमने पढ़ा….
    और लोग भी पढ़ें; …इसलिए शनिवार 03/08/2013 को
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    पर लिंक की जाएगी…. आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ….
    लिंक में आपका स्वागत है ……….धन्यवाद!

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  16. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन सही मायने में 'लोकमान्य' थे बाल गंगाधर तिलक – ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !

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  17. मधुराष्टकम ध्वनित हो रहा है मन में!

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