मधुर तेरा अंदाज़
मनहर सुर और नटवर साज़
भागे क्यों मन सुन आवाज़
सुरताल का तू सरताज
मनभाया तेरा अंदाज़ !!
मधुर तेरी मुस्कान
विरहा ये मन पाए सुकून
सुन मधुर बंसी की धुन
किस बगिया से लाया चुन
मन भागे पीछे पुन-पुन !!
मधुर तेरी माया
बारिश की बूँदें रिमझिम
इस तन पर लगे सुर सम
सुन गुहार वंशी वाले
दे दरस छंट जाये तम !!
मधुर तेरी बंसी
सुन नृत्य करे धरा छम-छम
फूल खिले गुलशन -गुलशन
ताल – नदी- झरने-सागर
बात जोहते है क्षण-क्षण !!
मधुर तेरी पूजा
हे बंसीधर बंसी बजैया
पार लगाओ हमारा खेवैया
माया – मोह से हमें उबारो
सुनाकर मोक्षदायिनी धुन !!
Archive for the ‘स्तुति’ Category
1 Aug
मधुर तेरी बंसी
3 Feb
नूतन मनहरण….
नूतन मनहरण किरण से त्रिभुवन को जगा दो नमन है निखिल चितचारिणी धरित्री को जो तुम्हे पूजूं हे देव-देवी कृपा दृष्टि रख दो इस मन को निवेदित करूं मै तुम्हारे चरणों पर |
---|
10 Nov
जलधि विशाल
जलधि विशाल तरंगित ऊर्मि |
---|
6 Jan
यारा लगा मन………..
16 Apr
zara hat ke